
Sukoon hai tu – Love Poem

रूह को जो मिले वो सुकून है तू,
इस ज़िस्म में बसने वाली महक है तू ।
तोड़ ना पाए कोई वो रिश्ता है हमारा,
जिस्मों का नहीं दिलों का प्यार है पुराना ।
टूट जाते हैं रिश्ते जो बनते है मतलब से,
संभल जाते हैं वो जो बनते हैं दिल से ।
️
यूँ तो रिश्ते बहुत है, दिल में प्यार बहुत है,
पर जो राब्ता तुमसे है, वो मेरे लिए ख़ास बहुत है
रूहानी से ये रिश्ते यूँ ही नहीं बन जाते,
किसी की पनाहों में वक़्त यूँ ही नहीं बिताते,
तुझे पा लिया तो सजदे कामयाब होंगें
️जो ना मिले तो गम नहीं, साथ तो हम फ़िर भी होंगे ।
कुछ ऐसी ही है हमारी कहानी
कुछ बेगानी कुछ रूहानी,
कुछ पूरी सी कुछ अधूरी सी
इस दिल के लिए जरूरी सी |||||||
️
Read More :