Sukoon hai tu – Love Poem
रूह को जो मिले वो सुकून है तू,
इस ज़िस्म में बसने वाली महक है तू ।
तोड़ ना पाए कोई वो रिश्ता है हमारा,
जिस्मों का नहीं दिलों का प्यार है पुराना ।
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by Deepika Singhal | Nov 15, 2019 | Guest Stories, Poetry | 1 |
रूह को जो मिले वो सुकून है तू,
इस ज़िस्म में बसने वाली महक है तू ।
तोड़ ना पाए कोई वो रिश्ता है हमारा,
जिस्मों का नहीं दिलों का प्यार है पुराना ।
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